DA Arrears Latest News: कोविड-19 महामारी ने पूरी दुनिया को प्रभावित किया है, और इस संकट ने भारत की अर्थव्यवस्था पर भी गहरा असर डाला है। इस कठिनाइयों के समय में, केंद्रीय कर्मचारियों के महंगाई भत्ते (डीए) की तीन किस्तें रोकने का निर्णय लिया गया था। अब, वित्त मंत्रालय ने इस संदर्भ में स्पष्टता प्रदान की है कि 18 महीने के बकाया डीए एरियर्स का भुगतान नहीं किया जाएगा। यह निर्णय लाखों कर्मचारियों और पेंशनधारियों के लिए निराशाजनक साबित हुआ है, जो लंबे समय से इस बकाया राशि की प्रतीक्षा कर रहे थे।
वित्त मंत्रालय का स्पष्ट जवाब
केंद्र सरकार ने एलान किया है कि कोविड-19 महामारी के दौरान रोके गए महंगाई भत्ते के एरियर्स को जारी नहीं किया जाएगा। वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी के अनुसार, इस निर्णय के पीछे देश की अर्थव्यवस्था पर पड़े दबाव और खर्च की जरूरतें हैं। उन्होंने बताया कि आर्थिक संकट के कारण सरकार को विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं पर भारी खर्च करना पड़ा, जिससे राजकोषीय दबाव बढ़ गया।
संसद में उठी चर्चा
जब इस मामले को लेकर लोकसभा सांसद आनंद ने सवाल उठाए थे, तो उन्होंने जानना चाहा कि क्या डीए को अब जारी किया जाएगा। सरकार ने स्पष्ट किया कि 18 महीने के डीए एरियर्स का भुगतान नहीं किया जाएगा। यह पहली बार नहीं है जब संसद में इस मुद्दे का जिक्र हुआ है; पहले भी कई बार इसी प्रकार के प्रश्न उठाए गए थे, लेकिन सरकार ने हमेशा एरियर्स के जारी होने को अव्यवहारिक बताया।
एरियर्स की राशि
कोविड-19 महामारी दौरान सरकार ने लगभग 34,402 करोड़ रुपये की बचत की है। यह रकम उन बकाया डीए और डीआर को रोकने के द्वारा हासिल की गई। इस राशि का उपयोग सरकार ने कोविड-19 प्रबंधन और अन्य कल्याणकारी कार्यों के लिए किया है। पंकज चौधरी ने इस बात पर बल दिया कि इस वित्तीय दबाव के कारण ही इस बकाया राशि को जारी करने का प्रश्न नहीं उठता है।
कर्मचारी संगठनों का प्रयास
कर्मचारी संगठनों ने इस मुद्दे को उठाने में कोई कसर नहीं छोड़ी है। विभिन्न संघों, जैसे एनसीजेसीएम के स्टाफ साइड, ने सरकार से इस बकाया राशि को लौटाने का आग्रह किया है। उन्होंने वित्त मंत्रालय को कई ज्ञापन भी दिए हैं और सुप्रीम कोर्ट के निर्णयों का हवाला दिया है, जिसमें कहा गया था कि ऐसे मामलों में कर्मचारियों को ब्याज समेत भुगतान किया जाना चाहिए।
किस्तों में भुगतान का सुझाव
कर्मचारी संगठनों ने सरकार से यह सुझाव भी दिया था कि बकाया राशि को तीन किस्तों में जारी किया जा सकता है, ताकि एक बार में सरकार पर अधिक वित्तीय बोझ नहीं पड़े और कर्मचारी भी अपनी हक की राशि प्राप्त कर सकें। लेकिन सरकार ने इस प्रस्ताव को भी खारिज कर दिया।
बजट में उम्मीदें
कर्मचारी नए बजट में एरियर्स जारी करने की उम्मीद कर रहे थे, लेकिन सरकार ने इस मुद्दे पर कोई आश्वासन नहीं दिया। यह विशेषकर निराशाजनक है, क्योंकि कर्मचारियों के लिए यह मुद्दा बहुत महत्वपूर्ण है। अब सरकार ने फिर से स्पष्ट कर दिया है कि एरियर्स जारी नहीं किए जाएंगे, जिससे कई कर्मचारियों की आशाएँ चकनाचूर हो गई हैं।
अंत में
वित्त मंत्रालय के द्वारा 18 महीने के बकाया डीए एरियर्स को जारी न करने का निर्णय केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के लिए बड़ा झटका है। इस निर्णय के पीछे सरकार का तर्क है कि कोविड-19 महामारी के समय देश की आर्थिक स्थिति बहुत खराब थी और विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं पर खर्च बढ़ गया था। जबकि कर्मचारी संगठनों ने अधिकृतता से इस बकाया राशि को लौटाने का आग्रह किया था, लेकिन सरकार का रुख स्थिर बना रहा है। यह स्थिति कई सवाल उठाती है और कर्मचारियों के लिए इस मुद्दे का समाधान अभी भी अधूरा है।
इस विषय पर अधिक जानकारी के लिए अपने संबंधित विभाग या मंत्रालय से संपर्क करने की सलाह दी जाती है।